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राजनीतिक तकरार और सोशल मीडिया पर उथल-पुथल के बीच स्थानीय लोग यह मान रहे हैं कि इससे बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना में बाधा उत्पन्न हो रही है पढ़े पूरी ख़बर

इस परिस्थिति के बीच स्थानीय लोगों में एक नई चर्चा ने जोर पकड़ा है कि क्या बाबा केदारनाथ राजनीति के इस खेल से नाराज हो गए हैं पढ़े पूरी ख़बर

केदारनाथ के स्थानीय लोग और बड़े बुजुर्गों का तो यही मानना है कि राजनीतिक दलों को अपनी बयानबाजी और छींटाकशी में बाबा केदार की गरिमा को भंग करने की कोशिश की है जिसके चलते बाबा केदारनाथ के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है

राजनीतिक तकरार और सोशल मीडिया पर उथल-पुथल के बीच स्थानीय लोग यह मान रहे हैं कि इससे बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना में बाधा उत्पन्न हो रही है पढ़े पूरी ख़बर

क्षेत्र के लोगो का कहना है कि कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल अपने एजेंडे को पूर्ण करने की कोशिश में संवेदनशील मुद्दों को भी नजरअंदाज कर देते हैं

केदारनाथ के मामले में कांग्रेस ने इस पवित्र स्थल को अपनी राजनीति का हिस्सा बना लिया जिसके चलते स्थानीय लोगों की धार्मिक आस्थाएँ प्रभावित हो रही हैं

अब जब प्राकृतिक आपदा से केदारनाथ जाने का मार्ग बाधित हुआ है उसके लिए स्थानीय लोग कांग्रेस की पाप की राजनीति को ही दोष दे रहे हैं

इस त्रासदी से कांग्रेस की राजनीति से प्रेरित केदारनाथ यात्रा के लिए भी बाबा केदारनाथ धाम पहुंचने के रास्ते बंद हो गए हैं

क्या कांग्रेस अपने राजनीतिक खेल से बाज आएगी या स्थानीय मुद्दों और धार्मिक स्थलों की अनदेखी करते हुए अपने एजेंडे को जारी रखेगी

जिस उपचुनाव में इन राजनीतिक मुद्दों का लाभ लेने के चक्कर में यह पूरा राजनीतिक षड्यंत्र चलाया रहा है वहां की जनता भी अब कांग्रेस की इस घटिया राजनीति के खिलाफ खड़ी नजर आ रही है

गढ़वाल मंडल में बुधवार रात हुई भारी बारिश ने बाबा केदारनाथ धाम को जाने वाले मुख्य मार्ग को बाधित कर दिया है।

इस आपदा के कारण राज्य सरकार को यात्रा को अगले तीन दिनों के लिए रोकना पड़ा है।

अब, इस परिस्थिति के बीच स्थानीय लोगों में एक नई चर्चा ने जोर पकड़ा है कि क्या बाबा केदारनाथ राजनीति के इस खेल से नाराज हो गए हैं।

केदारनाथ के स्थानीय लोग और बड़े बुजुर्गों का तो यही मानना है कि राजनीतिक दलों को अपनी बयानबाजी और छींटाकशी में बाबा केदार की गरिमा को भंग करने की कोशिश की है जिसके चलते बाबा केदारनाथ के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, कांग्रेस द्वारा लगातार दिल्ली में बाबा केदारनाथ के नाम पर बन रहे मंदिर और पुराने केदारनाथ मंदिर में कथित सोने के मामले को लेकर सोशल मीडिया पर जो विवाद खड़ा करने का प्रयास किया गया उससे न केवल उत्तराखंड की छवि को धक्का पहुंचा बल्कि बाबा केदारनाथ की गरिमा को भी ठेस पहुंची।

इससे स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी का माहौल बन गया है।

राजनीतिक तकरार और सोशल मीडिया पर उथल-पुथल के बीच स्थानीय लोग यह मान रहे हैं कि इससे बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना में बाधा उत्पन्न हो रही है और इसका लोगों की आस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

क्षेत्र के लोगो का कहना है कि कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल अपने एजेंडे को पूर्ण करने की कोशिश में संवेदनशील मुद्दों को भी नजरअंदाज कर देते हैं।

केदारनाथ के मामले में कांग्रेस ने इस पवित्र स्थल को अपनी राजनीति का हिस्सा बना लिया जिसके चलते स्थानीय लोगों की धार्मिक आस्थाएँ प्रभावित हो रही हैं।

अब जब प्राकृतिक आपदा से केदारनाथ जाने का मार्ग बाधित हुआ है उसके लिए स्थानीय लोग कांग्रेस की पाप की राजनीति को ही दोष दे रहे हैं।

हालांकि, इस त्रासदी से कांग्रेस की राजनीति से प्रेरित केदारनाथ यात्रा के लिए भी बाबा केदारनाथ धाम पहुंचने के रास्ते बंद हो गए हैं, इसको लेकर भी लोग बाबा केदार की नाराजगी को ही प्रमुख कारण बता रहे हैं।

बहरहाल अब यह देखना होगा कि क्या कांग्रेस अपने राजनीतिक खेल से बाज आएगी या स्थानीय मुद्दों और धार्मिक स्थलों की अनदेखी करते हुए अपने एजेंडे को जारी रखेगी।

क्योंकि जिस उपचुनाव में इन राजनीतिक मुद्दों का लाभ लेने के चक्कर में यह पूरा राजनीतिक षड्यंत्र चलाया रहा है वहां की जनता भी अब कांग्रेस की इस घटिया राजनीति के खिलाफ खड़ी नजर आ रही है।

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