चारधाम यात्रा व्यवस्था समीक्षा बैठक मंत्री की हिदायत ,अधिकारी पूरी तत्परता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें: महाराज
चमोली (उत्तराखंड)
पर्यटन, सिंचाई, संस्कृति, जलागम प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण उत्तराखंड सरकार सतपाल महाराज ने शनिवार को जिला कार्यालय सभागार में अधिकारियों की बैठक लेते हुए बद्रीनाथ में यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होने अधिकारियों से कहा कि चारधाम यात्रा राज्य की प्रतिष्ठा का सवाल है। तीर्थयात्रियों का ‘‘अतिथि देवों भवः‘‘ की भावना से सम्मान करते हुए उनको हर संभव सुविधाएं मुहैया की जाएं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ने चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों से अपील की है कि यदि कोई तीर्थयात्री डायबटीज, हायपरटेंशन, ब्लडप्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो, तो वे अपना स्वास्थ्य जांच एवं चिकित्सक से परामर्श लेकर ही यात्रा करें। ताकि स्वास्थ्य को लेकर परेशानी न हो।
मा.मंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा से होटल, रेस्टोरेंट एवं अन्य सभी व्यवसायियों को भी आर्थिक लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने धाम में यात्रियों के ठहरने की क्षमता के अनुसार पंजीकरण व्यवस्था में संशोधन करने के निर्देश दिए। एनएच, लोनिवि, बीआरओ एवं सडक से जुडे विभागों को सडकों का सुधारीकरण पर विशेष फोकस रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि मानसून सीजन निकट है। जहां पर भी सडकें खराब है, उनको ठीक किया जाए। भूस्खलन क्षेत्रों पर प्रोटेक्शन वर्क एवं सडक किनारे नालियों की साफ सफाई की जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ स्थानों में फुटपाथ का लेवल सडक लेवल से ऊपर बनाने से बरसात में सडकों पर पानी जमा होने की समस्या को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने एनएच अधिकारियों को तत्काल इस समस्या का समधान करने के निर्देश भी दिए।
श्री महाराज ने कहा कि धाम और यात्रा मार्ग पर नियमित साफ सफाई एवं सेनेटाइजेशन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। एकत्रित कूडे का उचित निस्तारण करें। पेट्रोल, डीजल व राशन का पर्याप्त स्टाक रखने के साथ ही होटल, रेस्टोंरेंट व ढाबों में गुणवक्तायुक्त भोजन की नियमित जांच करें। ट्रक एवं अन्य मालवाहक वाहनों में सवारी ढोने को पूरी तरह प्रतिबंधित करते हुए दुपहिया एवं सवारी वाहनो में भी क्षमता के अनुसार यात्रियों को ले जाने की अनुमति दी जाए। वाहन चालक यात्रियों से मधुर व्यवहार रखें।
म.मंत्री ने हेमकुण्ड साहिब यात्रा मार्ग पर भी यात्री सुविधाओं के पुख्ता इंतेजाम करने के निर्देश दिए। गोविंदघाट में सिल्ट जमा होने के कारण नदी का लेवल ऊपर उठने से संभावित खतरे को देखते हुए उन्होंने ड्रेजिंग कराने हेतु शीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।