*भाजपा के सामने नौ पारंपरिक दुर्गों को बचाने की कड़ी चुनौती, नए बनेंगे या ढह जाएंगे*
उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के पारंपरिक दुर्ग बन गए विधानसभा क्षेत्र सलामत रहेंगे या उनमें सेंध लग जाएगी या पार्टी कुछ और नए दुर्ग बनाने में कामयाब होगी, इन सभी सवालों के जवाब 10 मार्च को मिल जाएंगे। प्रदेश की सत्ता पर कौन सा दल काबिज होगा, इस सवाल का जवाब जानने की लोगों में जितनी बेताबी है, उतनी ही उत्सुकता यह जानने की भी है कि सत्तारूढ़ भाजपा अपने कितने पारंपरिक गढ़ों को बचा पाएगी।
राज्य की पहली विधानसभा के गठन के लिए 2002 में चुनाव हुए थे। तब से अब तक राज्य में चार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इन सभी चुनावों में 70 विधानसभा सीटों में से कुछ ऐसी सीटें रही हैं, जिन पर भाजपा या कांग्रेस का लगातार कब्जा रहा। तीन से लेकर चार चुनावों में लगातार जीत से अब ये सीटें उनके पारंपरिक दुर्ग का रूप ले चुके हैं।
2012 व 2017 के विधानसभा चुनाव में कमल खिला चुकी...